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वर्ष 2023 में आषाढ़ मास की संकष्‍टी गणेश चतुर्थी 7 जून को मनाई जा रही है। यह चतुर्थी कृष्णपिङ्गल या कृष्णपिंगाक्ष के नाम से जानी जाती है। इस बार यह चतुर्थी बुधवार को पड़ रही है। चतुर्थी तिथि भगवान श्री गणेश की प्रिय होने के कारण इस दिन उनके खास मंत्रों का जाप किया जाता है। आइए यहां जानते हैं कथा और 12 मंत्रों के बारे में- आषाढ़ चतुर्थी कथा : Ashadh Sankashti Chaturthi Katha आषाढ़ चतुर्थी कथा के अनुसार द्वापर युग में महिष्मति नगरी का महीजित नामक राजा था। वह बड़ा ही पुण्यशील और प्रतापी राजा था। वह अपनी प्रजा का पालन पुत्रवत करता था। किन्तु संतानविहीन होने के कारण उसे राजमहल का वैभव अच्छा नहीं लगता था। वेदों में निसंतान का जीवन व्यर्थ माना गया हैं। यदि संतानविहीन व्यक्ति अपने पितरों को जल दान देता हैं तो उसके पितृगण उस जल को गरम जल के रूप में ग्रहण करते हैं। इसी उहापोह में राजा का बहुत समय व्यतीत हो गया। उन्होंने पुत्र प्राप्ति के लिए बहुत से दान, यज्ञ आदि कार्य किए। फिर भी राज को पुत्रोत्पत्ति न हुई। जवानी ढल गई और बुढ़ापा आ गया किंतु वंश वृद्धि न हुई। तदनंतर राजा ने विद्वान ब्राह्मणों और प्रजाजनों से इस संदर्भ में परामर्श किया। राजा ने कहा कि हे ब्राह्मणों तथा प्रजाजनों! हम तो संतानहीन हो गए, अब मेरी क्या गति होगी? मैंने जीवन में तो किंचित भी पाप कर्म नहीं किया। मैंने कभी अत्याचार द्वारा धन संग्रह नहीं किया। मैंने तो सदैव प्रजा का पुत्रवत पालन किया तथा धर्माचरण द्वारा ही पृथ्वी शासन किया। मैंने चोर-डाकुओं को दंडित किया। इष्ट मित्रों के भोजन की व्यवस्था की, गौ, ब्राह्मणों का हित चिंतन करते हुए शिष्ट पुरुषों का आदर सत्कार किया। फिर भी मुझे अब तक पुत्र न होने का क्या कारण हैं? विद्वान् ब्राह्मणों ने कहा कि, हे महाराज! हम लोग वैसा ही प्रयत्न करेंगे जिससे आपके वंश कि वृद्धि हो। इस प्रकार कहकर सब लोग युक्ति सोचने लगे। सारी प्रजा राजा के मनोरथ की सिद्धि के लिए ब्राह्मणों के साथ वन में चली गई। वन में उन लोगों को एक श्रेष्ठ मुनि के दर्शन हुए। वे मुनिराज निराहार रहकर तपस्या में लीन थे। ब्रह्माजी के सामान वे आत्मजित, क्रोधजित तथा सनातन पुरुष थे। संपूर्ण वेद-विशारद एवं अनेक ब्रह्म ज्ञान संपन्न वे महात्मा थे। उनका निर्मल नाम लोमश ऋषि था। प्रत्येक कल्पांत में उनके एक-एक रोम पतित होते थे। इसलिए उनका नाम लोमश ऋषि पड़ गया। ऐसे त्रिकालदर्शी महर्षि लोमेश के उन लोगों ने दर्शन किए। सब लोग उन तेजस्वी मुनि के पास गए। उचित अभ्यर्थना एवं प्रणामदि के अनंतर सभी लोग उनके समक्ष खड़े हो गए। मुनि के दर्शन से सभी लोग प्रसन्न होकर परस्पर कहने लगे कि हम लोगों को सौभाग्य से ही ऐसे मुनि के दर्शन हुए। इनके उपदेश से हम सभी का मंगल होगा, ऐसा निश्चय कर उन लोगों ने मुनिराज से कहा। हे ब्रह्मऋषि! हम लोगों के दुःख का कारण सुनिए। अपने संदेह के निवारण के लिए हम लोग आपके पास आए हैं। हे भगवन! आप कोई उपाय बतलाइए। महर्षि लोमेश ने पूछा-सज्जनों! आप लोग यहां किस अभिप्राय से आए हैं? मुझसे आपका क्या प्रयोजन हैं? स्पष्ट रूप से कहिए। मैं आपके सभी संदेहों का निवारण करूंगा। प्रजाजनों ने उत्तर दिया- हे मुनिवर! हम महिष्मति नगरी के निवासी हैं। हमारे राजा का नाम महीजित है। वह राजा ब्राह्मणों का रक्षक, धर्मात्मा, दानवीर, शूरवीर एवं मधुरभाषी है। उस राजा ने हम लोगों का पालन पोषण किया है, परंतु ऐसे राज को आज तक संतान की प्राप्ति नहीं हुई। हे भगवान्! माता-पिता तो केवल जन्मदाता ही होते हैं, किंतु राज ही वास्तव में पोषक एवं संवर्धक होता हैं। उसी राजा के निमित हम लोग ऐसे गहन वन में आए है। हे महर्षि! आप कोई ऐसी युक्ति बताइए जिससे राजा को संतान की प्राप्ति हो, क्योंकि ऐसे गुणवान राजा को कोई पुत्र न हो, यह बड़े दुर्भाग्य की बात हैं। हम लोग परस्पर विचार-विमर्श करके इस गंभीर वन में आए हैं। उनके सौभाग्य से ही हम लोगों ने आपका दर्शन किया हैं। हे मुनिवर! किस व्रत, दान, पूजन आदि अनुष्ठान कराने से राजा को पुत्र होगा। आप कृपा करके हम सभी को बतलाएं। प्रजा की बात सुनकर महर्षि लोमेश ने कहा- हे भक्तजनो! आप लोग ध्यानपूर्वक सुनो। मैं संकटनाशन व्रत को बता रहा हूं। यह व्रत निसंतान को संतान और निर्धनों को धन देता हैं। आषाढ़ कृष्ण चतुर्थी को ‘एकदंत गजानन’ नामक गणेश की पूजा करें। राजा व्रत करके श्रद्धायुक्त हो ब्राह्मण भोज करवाकर उन्हें वस्त्र दान करें। गणेश जी की कृपा से उन्हें अवश्य ही पुत्र की प्राप्ति होगी। महर्षि लोमश की यह बात सुनकर सभी लोग करबद्ध होकर उठ खड़े हुए। नतमस्तक होकर दंडवत प्रणाम करके सभी लोग नगर में लौट आए। वन में घटित सभी घटनाओं को प्रजाजनों ने राजा से बताया। प्रजाजनों की बात सुनकर राज बहुत ही प्रसन्न हुए और उन्होंने श्रद्धापूर्वक विधिवत गणेश चतुर्थी का व्रत करके ब्राह्मणों को भोजन वस्त्रादि का दान दिया। रानी सुदक्षिणा को श्री गणेश जी कृपा से सुंदर और सुलक्षण पुत्र प्राप्त हुआ। यह व्रत श्रद्धापूर्वक करने वालों को सभी सुखों की प्राप्ति होती है। श्री गणेश के 12 शुभ मंत्र : Chaturthi Ganesh Mantras 1. बीज मंत्र- 'गं' 2. ॐ गं गणपतये नमः 3. 'ॐ गं नमः' 4. ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा 5. गं क्षिप्रप्रसादनाय नम: 6. ॐ वक्रतुंडा हुं 7. ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा। 8. एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् 9. ॐ गं गौं गणपतये विघ्न विनाशिने स्वाहा 10. श्री गणेशाय नम: 11. ॐ नमो हेरम्ब मद मोहित मम् संकटान निवारय-निवारय स्वाहा 12. वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ निर्विघ्नम कुरू मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा। अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। Casino Game Sign Up Bonus, आषाढ़ माह में क्या करना चाहिए? देव पूजा : आषाढ़ माह में भगवान विष्णु, सूर्यदेव, मंगलदेव, दुर्गा और हनुमानजी की पूजा करने का दोगुना फल मिलता है। आषाढ़ मास में भगवान विष्णु की पूजा करने से पुण्य प्राप्त होता है। इस माह में विष्णुजी के साथ ही जल देव की उपासना से धन की प्राप्ति सरल हो जाती है और मंगल एवं सूर्य की उपासना से ऊर्जा का स्तर बना रहता है। इसके अलावा देवी की उपासना भी शुभ फल देती है। दान : इस माह में आषाढ़ मास के पहले दिन खड़ाऊं, छाता, नमक तथा आंवले का दान किसी ब्राह्मण को किया जाता है। पहले दिन नहीं कर पाएं हैं तो अन्य विशेष दिनों में दान कर सकते हैं। यज्ञ : यह माह यज्ञ करने का माह कहा गया है। वर्ष के इसी मास में अधिकांश यज्ञ करने का प्रावधान शास्त्रों में बताया गया है। इस माह में यज्ञ करने से यज्ञ का फल तुरंत ही मिलता है। व्रत : आषाढ़ माह में विशेष दिनों में व्रत करने का बहुत ही महत्व होता है। क्योंकि आषाढ़ माह में देव सो जाते हैं, इसी माह में गुप्त नवरात्रि के व्रत प्रारंभ होते हैं और इसी माह से चातुर्मास भी प्रारंभ हो जाता है। इस माह में योगिनी एकादशी और देवशनी एकादशी का प्रमुख व्रत होता है। स्नान और सेहत : इस मास में सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस मास ही नहीं, अगले तीन माह तक सेहत का ध्यान रखना चाहिए। इस महीने में जल युक्त फल खाने चाहिए। आषाढ़ में बेल बिलकुल भी न खाएं। इस माह में स्नान करने का भी महत्व बढ़ जाता है। उपरोक्त सभी कार्य करने से इस महीने को कामना पूर्ति का महीना भी कहा जाता है। इस माह में जो भी कामना की जाती है उसकी पूर्ति हो जाती है।

Cyclone Threat : भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार को कहा कि गुजरात में दक्षिणी पोरबंदर में दक्षिणपूर्व अरब सागर पर निम्न दबाव का क्षेत्र उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ सकता है और चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है। मौसम विभाग ने एक बुलेटिन में कहा कि निम्न दबाव का क्षेत्र सुबह साढ़े 5 बजे पश्चिम-दक्षिणपश्चिम गोवा से करीब 920 किलोमीटर, दक्षिण-दक्षिणपश्चिम मुंबई से 1,120 किमी, दक्षिण पोरबंदर से 1,160 किमी और पाकिस्तान में दक्षिण कराची से 1,520 किलोमीटर पर बना हुआ था। दबाव के क्षेत्र के अगले 24 घंटे के दौरान उत्तर की ओर बढ़ने तथा पूर्व-मध्य अरब सागर और उससे सटे दक्षिणपूर्व अरब सागर पर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है। आईएमडी ने सोमवार को कहा था कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और अगले दो दिनों में इसमें तेजी आने के कारण चक्रवाती हवाएं मॉनसून के केरल तट की ओर आगमन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि, मौसम विभाग ने केरल में मॉनसून के आगमन की संभावित तारीख नहीं बताई। निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी ‘स्काइमेट वेदर’ ने बताया कि केरल में मानसून 8 या 9 जून को दस्तक दे सकता है लेकिन हल्की बारिश की ही संभावना है। अरब सागर में मौसम की ये शक्तिशाली प्रणालियां अंदरुनी क्षेत्रों में मानसून के आगमन को प्रभावित करती हैं। इसके प्रभाव में मानसून तटीय हिस्सों में पहुंच सकता है लेकिन पश्चिम घाटों से आगे जाने में उसे संघर्ष करना पड़ेगा। दक्षिण-पश्चिम मानसून आम तौर पर एक जून को लगभग 7 दिनों के मानक विचलन के साथ केरल में प्रवेश करता है। मई के मध्य में, आईएमडी ने कहा था कि मानसून 4 जून तक केरल में आ सकता है। दक्षिण-पूर्वी मानसून पिछले साल 29 मई, 2021 में तीन जून, 2020 में एक जून, 2019 में आठ जून और 2018 में 29 मई को पहुंचा था। आईएमडी ने पूर्व में कहा था कि अल नीनो की स्थिति विकसित होने के बावजूद दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम में भारत में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि केरल में मानसून में थोड़ी देर होने का मतलब यह नहीं होता कि मानसून देश के अन्य हिस्सों में भी देरी से पहुंचेगा। इससे मानसून के दौरान देशभर में कुल वर्षा पर भी असर नहीं पड़ता। M88 Bet Now and Win Bigger! get lucky at the online casino आए दिन शहरी सीमा में टाइगर के दिखने की खबरें सामने आ रही है। हाल ही में 30 लाख की आबादी वाले इंदौर जैसे बड़े शहर में टाइगर देखा गया था। करीब 20 से 25 दिनों बाद भी उसे रेस्‍क्‍यू नहीं किया जा सका है। मप्र की राजधानी भोपाल के कालियासोत में एक बाघिन अपने तीन शावकों के साथ दिखी है, जिसके बाद रहवासियों को मॉर्निंग और इवनिंग वॉक के लिए मना किया गया है। भोपाल के पास और भी कई इलाकों में टाइगर शहरी सीमा और गांव-कस्‍बों के आसपास नजर आते रहे हैं। दरअसल, लगातार घटता हैबिटाट एरिया और बढ़ते शहरीकरण ने वन्‍यजीवों (Wild life) को शहरों की तरफ धकेलना शुरू कर दिया है। हालात यह है कि आए दिन शहरी सीमा में बाघ सीसीटीवी कैमरों में नजर आए हैं। हालांकि वन्‍य जीव खासतौर से टाइगर के शहरों में नजर आने के पीछे कई वजहें हैं। इनमें खारा होता पानी, शिकार की कमी, वन्‍य जीवों का बूढ़ा हो जाना और नर बाघ का मादा बाघ की तलाश में वन से बाहर निकलना। लेकिन इनमें सबसे बड़ी वजह शहरीकरण की वजह से वन्‍यक्षेत्र का लगातार घटना है।

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ओवल की पिच उछाल भरी होगी: क्यूरेटर Hedon Bonus Game, सैचुरेशन की स्‍थिति का मतलब है कि बाघों के कुछ आवास या संरक्षित क्षेत्र चरम क्षमता तक पहुंच गए हैं। यानी इन जगहों पर फिलहाल जितने बाघ हैं, उतने ही यहां रह सकते हैं। ग्लोबल टाइगर फोरम के मुताबिक भारत में अब अतिरिक्त 1,000 से लेकर 1200 बाघों तक को ही रखा जा सकता है। अब यहां 10 हजार बाघों को नहीं रखा जा सकता, ऐसा करीब एक सदी पहले होता था। हालांकि उन क्षेत्रों में अतिरिक्त बाघों को रखा जा सकता है, जहां अब बाघ नहीं हैं।

Play Safe - Win Better! M88 India Weather Updates: दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर डिप्रेशन बना हुआ है। यह धीरे-धीरे आज 7 जून को एक चक्रवात में बदल जाएगा। जम्मू-कश्मीर पर एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। एक ट्रफ पूर्वोत्तर मध्यप्रदेश से उत्तर आंतरिक कर्नाटक तक जा रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान 16 राज्यों में भारी बारिश हु्ई। पिछले 24 घंटों के दौरान देशभर में हुई मौसमी हलचल : पिछले 24 घंटों के दौरान तमिलनाडु, केरल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश हुई और एक या दो स्थानों पर भारी बारिश हुई। जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और विदर्भ तथा तटीय कर्नाटक में एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई। दिल्ली-एनसीआर, पंजाब के कुछ हिस्सों और हरियाणा, उत्तरप्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हुई। राजस्थान और दिल्ली एनसीआर में एक-दो जगहों पर धूलभरी आंधी चली। आज के मौसम की संभावित गतिविधि : स्काईमेट के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान लक्षद्वीप, केरल, तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और तमिलनाडु में एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश संभव है। पश्चिमी हिमालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, सिक्किम और तटीय कर्नाटक में एक या दो मध्यम बारिश हो सकती है। राजस्थान के कुछ हिस्सों में बारिश और धूलभरी आंधी चल सकती है। पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में हल्की बारिश और गरज के साथ छींटें पड़ सकते हैं। लक्षद्वीप, केरल और कर्नाटक तट पर मध्यम से तेज़ हवाएं चलने की संभावना है। इन क्षेत्रों में समुद्र की स्थिति बहुत खराब रहेगी। दिल्ली में अब सताएगी उमसभरी गर्मी: जून के पहले हफ्ते में दिल्लीवासियों को गर्मी से राहत भले ही मिल गई हो लेकिन अब उन्हें उमस का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग ने हल्की बारिश का अनुमान जताया है लेकिन उससे उमसभरी गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली है। आईएमडी के मुताबिक आज (बुधवार) भी दिल्ली में आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार मौसम विभाग ने राजधानी के कुछ इलाकों में हल्की बारिश का अनुमान जताया है। वहीं आज का अधिकतम तापमान 39 डिग्री और न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रहेगा. वहीं आज 8 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा भी चलेगी। आईएमडी के अनुसार 9 से 12 जून तक राजधानी में बारिश की संभावना नहीं है। इस दौरान तेज हवाएं चलेंगी। वहीं 8 जून से तापमान तेजी से बढ़ेगा और 40 पार पहुंच जाएगा। बता दें कि गुरुवार को अधिकतम तापमान 40, शनिवार को 41 और इसके बाद सोमवार को 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा।मौसम विभाग के मुताबिक अब दिल्ली को भीषण गर्मी से जल्दी राहत नहीं मिलने वाली। Edited by: Ravindra Gupta World Brain Tumor Day 2023 स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि एक नियंत्रित और शांत मन संसार में सबसे शक्तिशाली होता है, ऐसे मन के सामने संपूर्ण ब्रह्मांड नतमस्तक हो जाता है। दरअसल हमारे शरीर से भी ज्यादा जरूरी हमारा दिमाग है। हमारे दिमाग के बिना हमारा शरीर सिर्फ एक जिंदा लाश की तरह है। साथ ही आज के समय में मेंटल हेल्थ से जुडी बीमारियां भी काफी बढ़ रही है। इन बिमारियों में सबसे गंभीर बीमारी ब्रेन ट्यूमर की है। इंडियन एसोसिएशन ऑफ कैंसर रेजिस्ट्रीज के अनुसार भारत में हर साल 28 हज़ार ब्रेन ट्यूमर के केस दर्ज किए जाते हैं। ब्रेन ट्यूमर के बढ़ते केस को देखते हुए हर साल 8 जून को वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे (world brain tumor day) मनाया जाता है। चलिए जानते है इस दिवस से जुडी सारी जानकारी के बारे में............

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कथा पढ़ें विस्तार से जब भी भगवान शिव के गणों की बात होती है तो उनमें नंदी, भृंगी, श्रृंगी इत्यादि का वर्णन आता ही है। भृंगी शिव के महान गण और तपस्वी हैं। भृंगी को तीन पैरों वाला गण कहा गया है। कवि तुलसीदास जी ने भगवान शिव का वर्णन करते हुए भृंगी के बारे में लिखा है - बिनुपद होए कोई। बहुपद बाहु।। अर्थात: शिवगणों में कोई बिना पैरों के तो कोई कई पैरों वाले थे। यहां कई पैरों वाले से तुलसीदास जी का अर्थ भृंगी से ही है। पुराणों में उन्हें एक महान ऋषि के रूप में दर्शाया गया है जिनके तीन पांव हैं। शिवपुराण में भी भृंगी को शिवगण से पहले एक ऋषि और भगवान शिव के अनन्य भक्त के रूप में दर्शाया गया है। भृंगी को पुराणों में अपने धुन का पक्का बताया गया है। भगवान शिव में उनकी लगन इतनी अधिक थी कि अपनी उस भक्ति में उन्होंने स्वयं शिव-पार्वती से भी आगे निकलने का प्रयास कर डाला। भृंगी का निवास स्थान पहले पृथ्वी पर बताया जाता था। उन्होंने भी नंदी की भांति भगवान शिव की घोर तपस्या की। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर महादेव ने उसे दर्शन दिए और वर मांगने को कहा। तब भृंगी ने उनसे वर माँगा कि वे जब भी चाहें उन्हें महादेव का सानिध्य प्राप्त हो सके। ऐसा सुनकर महादेव ने उसे वरदान दिया कि वो जब भी चाहे कैलाश पर आ सकते हैं। उस वरदान को पाने के बाद भृंगी ने कैलाश को ही अपना निवास स्थान बना लिया और वही भगवान शिव के सानिध्य में रहकर उनकी आराधना करने लगा। भृंगी की भक्ति भगवान शिव में इतनी थी कि उनके समक्ष उन्हें कुछ दिखता ही नहीं था। भृंगी केवल शिव की ही पूजा किया करते थे और माता पार्वती की पूजा नहीं करते थे। नंदी अदि शिवगणों ने उन्हें कई बार समझाया कि केवल शिवजी की पूजा नहीं करनी चाहिए किन्तु उनकी भक्ति में डूबे भृंगी को ये बात समझ में नहीं आयी। भृंगी केवल भगवान शिव की परिक्रमा करना चाहते थे किन्तु आधी परिक्रमा करने के बाद वे रुक गए, भृंगी ने माता से अनुरोध किया कि वे कुछ समय के लिए महादेव से अलग हो जाएँ ताकि वे अपनी परिक्रमा पूरी कर सके। अब माता ने हँसते हुए कहा कि ये मेरे पति हैं और मैं किसी भी स्थिति में इनसे अलग नहीं हो सकती। भृंगी ने उनसे बहुत अनुरोध किया किन्तु माता हटने को तैयार नहीं हुई। भृंगी अपने हठ पर अड़े थे। महादेव ने तत्काल महादेवी को स्वयं में विलीन कर लिया। उनका ये रूप ही प्रसिद्ध अर्धनारीश्वर रूप कहलाया जो देवताओं के लिए भी दुर्लभ था। उनका ये रूप देखने के लिए देवता तो देवता, स्वयं भगवान ब्रह्मा और नारायण वहां उपस्थित हो गए। भृंगी ने कीड़े का रूप धर कर महादेव के सिर पर परिक्रमा करना चाही तब माता पार्वती ने उन्हें शाप देकर उनके भीतर के स्त्री रूप को छिन्न भिन्न कर दिया। दयनीय स्थिति में आने के बाद माता पार्वती से क्षमा याचना की दोनों की पूजा और परिक्रमा की। तब महादेव के अनुरोध पर माता पार्वती अपना श्राप वापस लेने को तैयार हुए किन्तु भृंगी ने माता को ऐसा करने से रोक दिया। भृंगी ने कहा कि - हे माता! आप कृपया मुझे ऐसा ही रहने दें ताकि मुझे देख कर पूरे विश्व को ये ज्ञान होता रहे कि कि शिव और शक्ति एक ही है और नारी के बिना पुरुष पूर्ण नहीं हो सकता। उसकी इस बात से दोनों बड़े प्रसन्न हुए और महादेव ने उसे वरदान दिया कि वो सदैव उनके साथ ही रहेगा। साथ ही भगवान शिव ने कहा कि चूँकि भृंगी उनकी आधी परिक्रमा ही कर पाया था इसीलिए आज से उनकी आधी परिक्रमा का ही विधान होगा। यही कारण है कि महादेव ही केवल ऐसे हैं जिनकी आधी परिक्रमा की जाती है। भृंगी चलने चलने फिरने में समर्थ हो सके इसीलिए भगवान शिव ने उसे तीसरा पैर भी प्रदान किया जिससे वो अपना भार संभाल कर शिव-पार्वती के साथ चलते हैं। शिव का अर्धनारीश्वर रूप विश्व को ये शिक्षा प्रदान करता है कि पुरुष और स्त्री एक दूसरे के पूरक हैं। शक्ति के बिना तो शिव भी शव के समान हैं। अर्धनारीश्वर रूप में माता पार्वती का वाम अंग में होना ये दर्शाता है कि पुरुष और स्त्री में स्त्री सदैव पुरुष से पहले आती है और इसी कारण माता का महत्त्व पिता से अधिक बताया गया है। Free Casino Games Please, Mercury transit in taurus 2023: बुध ग्रह 7 जून 2023 को शाम 7 बजकर 40 मिनट पर वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। 19 जून को इसी राशि में अस्त होने के बाद बुध ग्रह 24 जून 2023 की दोपहर 12:35 बजे मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएंगे, जहां वे 8 जुलाई 2023 की दोपहर 12:05 तक रहेंगे और उसके बाद चंद्रमा के स्वामित्व वाली कर्क राशि में गोचर करेंगे। बुध का वृषभ में गोचर 5 राशियों के लिए शुभ माना जा रहा है। वृषभ राशि : वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं और अब ये आपकी ही राशि के पहले भाव में गोचर करेंगे। इस गोचर से आपको अचानक से धनलाभ के योग बनेंगे। नौकरी में नए अवसार प्राप्त होंगे। करियर में सफलता मिलेगी। व्यापार में कुछ नया कर पाएंगे। रिश्तों में सामंजस्य बढ़ेगी। कन्या राशि : कन्या राशि के जातकों के लिए बुध पहले और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब आपकी राशि के नवम भाव में प्रवेश करेंगे। आपको भाग्य का साथ मिलेगा। धन की बचत करने में सफल होंगे। आप अपने कार्य से लोगों को प्रभावित कर पाएंगे। नौकरी में आप संतुष्‍टि महसूस करेंगे। व्यापार में उच्च लाभ प्राप्ति के योग बन रहे हैं। किसी बड़े निवेश से जुड़ा फैसला ले सकते हैं। करियर में शानदार सफलता मिलेगी। जीवनसाथी के साथ संबंधों में मधुरता बढ़ेगी। मकर राशि : मकर राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह छठे और नौवें भाव के स्वामी होकर उनकी राशि के पांचवें भाव में गोचर करेंगे। इस दौरान आपको धर्म और सामाजिक सेवा की और झुकाब बढ़ेगा। धार्मिक यात्रा के योग भी बनेंगे। करियर में आशाजनक सफलता प्राप्त होगी। नौकरी में अच्छी पदोन्नति के योग बनेंगे। कुंभ राशि : कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पांचवें और आठवें घर के स्वामी होकर आपकी राशि के चौथे भाव में गोचर करेंगे। भूमि या भवन में आप निवेश कर सकते हैं। नौकरी में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। वरिष्ठों से विवाद करने से बचें। व्यापार और करियर में औसत समय रहेगा। आपको योजना बनाकर व्यवस्थित तरीके से कार्य करना चाहिए। रिश्तों और सेहत में सुधार होगा। मीन राशि : मीन राशि के लिए बुध आपके चौथे और सातवें भाव के स्वामी होकर तीसरे भाव में गोचर करेंगे। नौकरी में स्थानांतरण के साथ ही वृद्धि के योग हैं। करियर में भी उन्नति होगी। व्यापार में मिलाजुला परिणाम प्राप्त होगा। धन लाभ होने के साथ-साथ खर्चों में वृद्धि हो सकती है। रिश्तों को लेकर आप परेशान रह सकते हैं।

हैप्पी नेशनल बेस्ट फ्रेंड्स डे। - दोस्त बनने और बनाने की हड़बड़ी न करें, दोस्ती धीमी गति से पकने वाला फल है। तुम मेरे अच्छे समय को बेहतर और मुश्किल समय को सरल बनाते हो। मेरे अच्छे दोस्त तुम्हें धन्यवाद नहीं दे सकता। हैप्पी नेशनल बेस्ट फ्रेंड्स डे.... बेस्ट फ्रेंड्स डे के लिए 3कविताएं 1. दोस्ती खुशी का मीठा दरिया आमंत्रित करता है हमें आओ मुझमें डुबकी लगाओ खूब नहाओ गोता लगाओ हंसी-खुशी की मौज मस्ती की प्यार मोहब्बत की शंख, सीपियां जेबों में भरकर ले जाओ... 2. दोस्ती आकाश है झिलमिलाते हैं नन्हे सितारे प्यार के मीठे व्यवहार के 3. दोस्त मेरे रंगबिरंगे रत्नों और जवाहरात जैसे पन्ना, पुखराज, मूंगा, माणिक, मोती, हीरा, नीलम बदल देते हैं जीवन खुश कर देते हैं मन .... Online Casino Games For Money साल 2010 का आईपीएल फाइनल 25 अप्रैल को खेला गया था 4 दिन बाद ही टी-20 विश्वकप का पहला मैच खेला गया और 1 मई को भारत ने अपना पहला मैच खेला। अफगानिस्तान पर भारत को 7 विकेटों से बड़ी जीत मिली। वहीं बड़ी टीम दक्षिण अफ्रीका को 14 रनों से हराने के बाद लगा कि भारतीय टीम के लिए थकान कोई समस्या नहीं है।