Hindi Moral Short Story
Moral Story In Hindi-हे दोस्तों hindiprogyan.com में स्वागत है। इस पोस्ट में moral story शेयर करूँगा जैसे आप पढ़के मजा ले सकते हो साथ साथ ज्ञान भी मिलेगा। Hindi moral Short story का नाम नम्र बनो कठोर नहीं (Namra Bane kator nehi )इस काहानी पढ़ते रहे। (Hindi short story For kids,Hindi Kahani,Short Story for child in Hindi,Moral Story In Hindi)
नम्र बनो कठोर नहीं-Moral Story In Hindi
एक चीनी संत थे। वह बहुत वृद्ध थे। उन्होंने देखा कि अंत समय निकट आ गया है, तो अपने सभी भक्तों और शिष्यों को अपने पास बुलाया। वह सभी से बोले, थोड़ा मेरे मुंह के अंदर तो देखो भाई? मेरे कितने दांत शेष हैं।
प्रत्येक शिष्य ने मुंह के भीतर देखा और प्रत्येक ने कहा कि दांत तो कई वर्षों से समाप्त हो चुके हैं। तब संत ने कहा कि, जिह्वा तो विद्यमान है। सभी ने कहां, ‘हां’। संत बोले, ‘यह बात कैसे हुई?’
जिह्वा तो जन्म के समय भी विद्यमान थी। दांत उससे बहुत बाद में आए। बाद में आने वाले को बाद में जाना चाहिए था। ये दांत पहले कैसे चले गए?
तब संत ने थोड़ा रुके और फिर बोले कि यही बतलाने के लिए मैनें तुम्हें यहां बुलाया है। देखो, ‘जिह्वा अब तक विद्यमान है, तो इसलिए कि इसमें कठोरता नहीं है।
ये दांत बाद में आकर पहले समाप्त हो गए तो इसलिए कि इनमें कठोरता बहुत थी। यह कठोरता ही इनकी समाप्ति का कारण बनी। इसलिए मेरे बच्चों यदि देर तक जीना चाहते हो तो नम्र बनो, कठोर नहीं।’Moral Story In Hindi
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